सायनस क्या है
सायनस नाक के आसपास चेहरे की हड्डी के अंदर नम हवा की खाली जगह होती है , जिसे की वायु विवर भी कहते है।
सायनस बिमारी क्या होती है
इस रोग में नाक की हड्डी बढ़ जाती है या फिर तिरछी हो जाती है जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है। यह बीमारी सामान्य सर्दी के रूप में शुरू होती है , फिर बेक्टेरियल या फंगल के साथ बढ़ती जाती है। गंभीर सायनस होने पर यह आठ हप्तो तक आपके शरीर में रह सकती है।
सायनस के कारण
सायनस ( सायनोसाइटिस ) कइ कारणों से हो सकता है , लेकिन इसका जो मुख्य कारण होता है वो infection होता है। सायनस या नाक में तरल पदार्थ का इकट्ठा हो जाना। जिसमें रोगाणु उत्पन्न हो जाते हैं और ये समस्या जन्म लेती है। इसके अलावा वायरस की वजह से ये बिमारी काफी जल्दी फैलती है जो कुछ वयस्को में सबसे ज्यादा होती है। बैक्टेरिया भी इसका मुख्य कारण होता है। बैक्टेरिया की वजह से भी सायनस की समस्या उत्पन्न होती है।
इसके अलावा कुछ चिकित्सिकीय कंडिशन होती है , जैसे कि सिस्टिक्स फ्रायब्रोसीस की वजह से आपको सायनस की प्राब्लम हो सकती है। गेस्टोएसोफिगल की वजह से आपको यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा यदि आपका एम्युन सिस्टम कमजोर है तो यह भी इसका एक कारण होता है।
प्रदुषण की वजह से भी आपको यह प्रोब्लम हो सकता है क्योंकि पाॕल्युषण में बलगम बढ़ जाता है जिससे यह समस्या होती है।
सायनस के लक्षण
1. नाक बहना या अत्यधिक बलगम बनने के कारण उसके नाक की नली में या गले में बह जाना।
2. गंध और स्वाद की परख करने की क्षमता का खत्म होना।
3. नाक का बंद होना, जिसकी वजह से नाक से सांस लेने में आपको परेशानी होती है। आंखों में सुजन होना। आंखों में दर्द होना।
4. सिर में हल्का - हल्का और भारीपन महसूस होना।
5. माथे और चेहरे के आसपास आपको सुजन और दर्द महसूस होना।
6. इसके अलावा कान में भी आपको दर्द हो सकता है। ये भी सायनस का एक लक्षण होता है।
7. रात में खांसी अधिक बढ़ जाना ।
8. उपरी जबडे और दांतों में दर्द महसूस होना।
9. मुंह से बदबु आना।
10. गले में काफी ज्यादा खराश होना।
11. जी मिचलाना।
यदि आपको सायनस की प्राब्लम होती है तो आप इसके लिए सिटी स्कैन करा सकते हैं या फिर आप MRI क्या ले या फिर आप एलर्जी टेस्ट करा लें। यदि आप इन तीनों में से एक भी टेस्ट कर लेते हैं तो यह पता चल जाएगा कि आपको सायनस है या फिर नहीं है।
सायनस कितने प्रकार के होते हैं
सायनस चार प्रकार के होते हैं।
1. तीव्र साइनोसाइटिस Acute sinusitis - इस प्रकार में लक्षण अचानक शुरू होकर दो से चार हफ्तों तक तकलीफ रहती है।
2. मध्यम तीव्र साइनोसाइटिस Sub acute sinusitis - सब एक्यूट सायनोसाइटिस तब होता है जब साइनस 4 - 8 हफ्ते रहे।
3. जीर्ण साइनोसाइटिस Chronic sinusitis - क्रोनिक सायनोसाइटिस तब होता है अगर साइनस 3 महिने से ज्यादा रहे।
4. आवर्तक साइनोसाइटिस recurrent sinusitis - इस प्रकार में रोगी को सालभर बार - बार साइनोसाइटिस की समस्या होती रहती है।
सायनस में घरेलू उपाय
1. स्टिम लेना - सायनेसायटिस के कारण नाक बहने लगती है। तो यदि आपको यह प्राब्लम हो रही है तो स्टिम ( भाप लेना ) एक अच्छा तरीका है। इसके लिए आप बर्तन में पानी उबालें और भाप लें या फिर आप स्टिमर का युज भी नहीं सकते हैं। यह भी एक अच्छा आॕप्शन हो होता है।
2. आराम करें - सायनस से आराम पाने के लिए आप जितना हो सके उतना रेस्ट करें। आप जितना ज्यादा आराम करेंगे उतने जल्दी सायनस से निजात पा सकते हैं। गर्म लिक्विड पिएं। सायनस की प्राब्लम है तो गर्म गर्म लिक्विड पिएं या फिर आप सुप पिएं। गर्म लिक्विड पीने से नाक खुल जाती है और आपको आराम मिलता है।
3. नमक और बेकिंग सोडा का उपयोग - पानी में थोडा सा नमक और बेकिंग सोडा डालकर गर्म करें और इसे सुंघे या बोतल में भरकर नाक में डालें । इस उपाय को दिन में दो बार करें । इससे भी आपको काफी जल्दी आराम मिलता है।
4. योग करें - योग एक अच्छा उपचार होता है । आप योग कर सकते हैं। यह भी आपकी सायनस की समस्या को दुर करने में आपकी मदद करता है।
5. ज्यादा से ज्यादा पानी पीना - पानी पीने से बलगम पतला होगा जिससे सायनस में आराम मिलेगा । पानी शरीर की गंदगी को भी बाहर निकालने में आपकी मदद करता है।
6. प्याज खाए - प्याज का सेवन फायदेमंद होंगा। सायनस में ताज़ा प्याज आपको खाना चाहिए। इसे खाने आपको बहुत आराम मिलेगा। इसमें क्योरसिटी नामक यौगिक होता है जो एलर्जी को दूर करता है।
7. लहसुन - लहसुन आप खाए इससे आपको फायदा होंगा। लहसुन में अजवेनी और एलीसन नामक घटक होते हैं जो बलगम को कम करते हैं और बंद नाक को खोलने में आपकी मदद करते हैं।
सायनस में सावधानीया
आप प्रदुषण से दूर रहें । जहां पर बहुत ज्यादा पाॕल्युषन है। उस जगह पर जाने से बचें। गंदगी से दूर रहें। जहां पर बहुत ज्यादा गंदगी है , किचड है इस तरह की जगह से भी आप दुर रहे। बाहर का खाना और पानी आप एवाइड करें। यदि कहीं जाते हैं तो आप यह सारी चीजें अपने साथ ही रख सकते हैं। घर से निकलने से पहले अपने मुंह पर मास्क लगाएं। इस तरह की सावधानियां रखने से आप बहुत ही जल्दी सायनस की समस्या से उबर पाएंगे।
साइनस का आॕपरेशन कैसे होता है
जीन सायनस रोगीयो को दवा और स्प्रे से आराम नहीं मिलता है उनको Endoscopic sinus surgery या fess की सलाह दी जाती है। Fess दुरबीन से किया हुआ एक आॕपरेशन हो जो की सुन्न करके भी किया जा सकता है और बेहोश करके भी किया जा सकता है। इसमें आपके डाॕक्टर दुरबीन के द्वारा नाक के अंदर देखते हैं की क्या मास बढ़ा है , कितना बड़ा है , हड्डी कितनी डेढी है। जो मांस ज्यादा बढ़ा हुआ होता है। उसको वह निकाल देते हैं।
सायनसस के मुंह या रेशे के कारण जो बंद हो गए हैं उनमुह को चिकित्सक खोल देते हैं और अंदर से पस निकाल देते हैं। जो हड्डी नाक की डेढी हुइ होती है उसकी वजह से नाक के अंदर सर्कुलेशन इफेक्ट हो रहा होता है उसको भी वो निकाल देते हैं। सामान्यत ये सर्जरी बहुत सुरक्षित होती है लेकिन क्योंकि इसमें नाक में पट्टी डाली जाती है तो हास्पीटल में रोगी को एक या दो दिन के लिए एडमिट किया जाता है। रोगी पट्टी निकाल के या कभी कभी पट्टी के समेत छुट्टी कर दिया जाता है।
आॕपरेशन के बाद भी जरूरी है कि पेशेंट अच्छे से नाक की सफाई रखें क्योंकि जो क्लाउड जयते है वह सब निकलने बहुत जरूरी है नहीं तो नाक बंद हो जाएंगी।
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सायनस का घरेलू आर्युवेदिक रामबाण इलाज
अगर किसी मरीज को नाक की एलर्जी , सायनस की समस्या , दमा , निमोनिया , पसलियां चलना , ब्रोंकाइटिस , खांसी , सर्दी , फेफड़ों का इन्फेक्शन है तो इनमें ये आर्युवेदिक दवा काम करती है ।
एलर्जी को खत्म करने के लिए आपको तीन - चार चीजों का ध्यान रखना होगा। जैसे कि -
1. आपको हमेशा साफ सुथरे कपड़े पहनने है।
2. आपको धुल से बचना है।
3. जिस चीज को खाने से आपको एलर्जी है उस चीज को कुछ दिन के एवाइड करें , जब तक आपकी ये दवा चल रही है।
4., ये पता लगाना है कि आपको किस चीज से एलर्जी है।
विधि
1. सबसे पहले 20 ग्राम पीसी हल्दी ले।
2. 10 ग्राम काली मिर्च।
3. 50 ग्राम अदरक।
4. 500 ग्राम गुड़।
5. 30 से 40 तुलसी के पत्ते।
6. 10 ग्राम मुलेठी।
सबसे पहले गुड को थोडा सा पिंकी डालके एक कढाई ( लोहे की कढ़ाई छोड़ कर ) में इतना पकाएं की लप्सी जैसी बन जाए। कम से कम 25 से 30 मिनिट आपको यह पकाना है। इसके बाद मैं आपको इसके अंदर 20 ग्राम पीसी हल्दी , 10 ग्राम काली मिर्च, 50 ग्राम कूटा हुआ अदरक, 30 से 40 पत्ते तुलसी के और 10 ग्राम मुलेठी डालना है। ये सारी चीजें डालके अच्छी तरह से कुट के उसके अंदर मिक्स कर देनी है और कम से कम 20 से 30 मिनिट तक इसे ओर पकाएं। इस तरह ये दवा बनकर तैयार हो जाती है। इसको किसी बर्तन में भर के रख लें।
इस दवाई के खाने से पहले एक घंटा और दवाई खाने कै बाद एक घंटा आपको कुछ भी खाना - पीना नहीं है। ये दवा आपको दो चम्मच सुबह और दो चम्मच शाम को लेना है। इस दवाई को कम से कम 15 दिन तक लेना है।
सायनस की समस्या में क्या न खाएं
आप अल्कोहल का सेवन ना करें क्योंकि इससे सायनस की प्राब्लम और ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा प्रोसेस्ड चीनी नहीं खाएं क्योंकि इसमें फ्रुक्टोज और सुक्रोज की मात्रा अधिक होती है जो सायनस को बढ़ा सकती है। फेट फुड आप नहीं खाएं। बहुत अधिक वसा वाली चीजों को खाने से एवाइड करें । नहीं तो इससे भी आपको प्राब्लम होंगी। दुध का सेवन कुछ समय के लिए बंद कर दें क्योंकि इससे बलगम बढ़ जाता है।
सायनस में क्या खाना चाहिए
अगर आप सायनस से पिडित है तो आपको खजुर , किसमीस , सेब , सूंट , अजवायन, हींग , लहसुन , लौकी , कद्दू , मुंगके अलावा ताजे सब्जियों का सूप पीना चाहिए। सुबह खाने से पहले या खाने के बाद रोज एक आंवला खाने। रोजाना एक चम्मच चवनप्राश भी आप खा सकते हैं। हल्के गुनगुने पानी से नहाना चाहिए।
दस से पंद्रह तुलसी के पत्ते, एक तुकडा अदरक और दस से पंद्रह पुदीने के पत्ते को ले ले। सबको पीसकर एक गिलास पानी में उबाल लें जब पानी उबालकर आधा रह जाए तो उसे छान लें और स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर पीएं। इसे पुरे दिन में दो बार यानी सुबह खाने के बाद रात में सोने से पहले पीने से सायनस में आपको आराम मिलता है।
इसके अलावा काली मिर्च भी सायनस में काफी फायदा करती है। लाल मिर्च , मेक्सिकन काली मिर्च का खाने इस्तेमाल करने से सायनस की समस्या में जल्दी राहत मिलती है क्योंकि इससे बंद नाक खुल जाती है। आप ड्राय फुड भी खा सकते हैं। नारियल पानी पी सकते हैं।
निष्कर्ष
मैं आशा करता हूं कि सायनस क्या है , सायनस के कारण, प्रकार, उपचार और सावधानीया आपके समझ में आ गया होगा और ये जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।