मुंह के छाले होना एक आम बात है। बहुत से लोग मुंह के छालो से बार बार परेशान होते रहते हैं। इनके होने पर व्यक्ति का बुरा हाल हो जाता है। लेकिन उनके पास उनका स्थायी समाधान उपलब्ध नहीं होता है। वो ना ठीक से खा - पी पाता है ना ही बोल पाता है। होंठ , गला , जीभ गाल , मंसुडे इनका एक मुलायम आवरण होता है। इस आवरण का दाह होने को मुंह के छाले कहते हैं। यह छाले देखने में सफेद और किनारे पर लाल होते हैं। ये ज्यादातर जीभ के नीचे , साइड में , होंठ की अंदर की त्वचा , गाल के पिछे, गले में , मंसुबे में होते हैं ।
मुंह के छालो को अंग्रेजी में apthous ulsers, canker sores , stomatiiis कहते हैं। आर्युवेद में मुखपाक कहते हैं। इस पोस्ट में आपको पता चलेगा कि कैसे आर्युवेद के उपचार से इसका पुरा इलाज होता है।
मुंह के छाले होने के कारण
ज्यादा तेल , मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करना यह मुंह के चारों का सबसे बड़ा कारण होता है। खट्टी चीजों का सेवन करना, पाचनतंत्र का खराब होना, पेट साफ ना होना , विटामिन बी की कमी , खाते समय दांत से गाल के अंदर की त्वचा कट जाना, जोर से ब्रश करना, अधिक सिगरेट पीना , अधिक तंबाकूजन्य पदार्थ का सेवन करना, ज्यादा चाय पीने की आदत होना , रात को देर तक जागना, शिफ्ट ड्यूटी में काम करना , नाईट शिफ्ट में काम करना , पुराना बुखार , पिलिया इन पुर्व बिमारियों के कारण शरीर में हिट बढ़ना , डाॕक्टर के सलाह के बिना अपने मन से दवाईयां लेना , कुछ दवाईयां शरीर में हीट बढ़ाती है । और अन्त में सबसे महत्वपूर्ण मानसिक तनाव के कारण भी मुंह के छाले होते हैं।
मुंह के छाले कितने प्रकार के होते हैं
1. जो आमतौर पर मुंह के छाले होते हैं उसे apthous कहते हैं। ये एक सेंटीमीटर से छोटे होते हैं और ज्यादातर एक से ज्यादा होते हैं। ये सामान्य रूप से जीभ पर, होंठ पर या मूंह के अंदर के हिस्सों पर निकलते हैं। अगर ये एक सेंटीमीटर से बड़े है तो इन्हें मेजर कहेंगे और छोटे है तो माइनर कहेंगे। कि बार ये छोटे छोटे छालों के समुह बन जाते हैं। इन्हें cropopholical कहते हैं।
2. अगले प्रकार के छालों में होंठों पर झुठन टाइप का छाला हो जाता है। ये मौसम के बदलने पर अक्टूबर - नवंबर या मार्च - एप्रिल में होता है।
3. इस प्रकार के छालों में एक प्रकार की सफेद लाईन बन जाती है , जिसमें जलन होती है। इसमें सफेद धब्बे या लाल चट्टे बन जाते हैं।
4. इस प्रकार में छाले पानी के बारे रूप ले सकते हैं । जिसमें कि बार पानी भरा होता है , वो अपने आप निकल जाता है। जो बिडी , सिगरेट , तम्बाखु का सेवन करते हैं उनमें ये सफेद लाल चकते या मिक्स लाल चकते के रूप में आ जाते हैं।
5. जीभ पर कइ बार जितने भी स्वाद के बड होते हैं वो खत्म हो जातै है और एकदम प्लेन हो जाती है। ये भी जलन का बहुत बड़ा कारण है।
मुंह की छाले होने के लक्षण
- मुंह में फुंसी जैसा हो जाना।
- मुंह के अंदर कटा हुआ सा महसूस होना।
- मुंह में जलनहोती है। वहां पर दर्द हो सकता है।
- मुंह के छाले के रोगी को बहुत ही बेचैनी महसूस होती है।
- खाने का स्वाद नहीं लगता।
- मुंह में जलन की वजह से खाने की इच्छा नहीं होती।
- ज्यादा दिनों से रहने वाले और बार बार आने वाले मुंह के चारों से शरीर का पोषण कम पड़ने लगता है , जिससे वजन का कम होना, प्रतिकार शक्ति कम होना , निरुत्साह , थकावट , यह भी लक्षण हो सकते हैं।
मुंह के छालो के आर्युवेदीक उपचार
मुंह के चारों के लिए आर्युवेदिक चिकित्सा बहुत ही लाभदायक होती है। बहुत पुराना सालो से चला आ रहा मुंह के छालो की प्राब्लम इससे कम होता है और दुबारा फिर से नहीं होता है। सबसे पहले जीन कारणों की वजह से छालों का प्राब्लम होता है वह कारण त्यागने की जरूरत है। इसको आर्युवेद में निदान फरीवर्ज्यन कहते हैं। यह सबसे महत्वपूर्ण है। आप तीखा भी खाएंगे और आपके छाले भी ठीक हो जाएंगे ऐसा नहीं हो सकता। आर्युवेद के अनुसार इस व्याधि में पित्त दोष का प्राधान्य होने से विरेचन यह पंचकर्म करना बहुत ही आवश्यक होता है।
विरेचन यह पित्त दोष शरीर से बाहर निकालने की अत्यंत उपयुक्त शरीर शुद्धी प्रक्रिया है। यह पंचकर्म की प्रक्रियो में से एक है। अगर आप बार बार होने वाले मुंह के छालो से बहुत है तो आपको विरेचन करना बहुत ही जरूरी है। पित्त दोष के बढ़ने से रक्त भी दुषित होता है। इस रक्त को शुद्ध करने हेतु आर्युवेद चिकित्सक की सलाह से रक्तवाहिनियो में से योग्य मात्रा में रक्त निकालने से भी तुरंत मुंह के छाले कम होते हैं। रक्तमोक्षन यह भी पंचकर्म की विधियो में है एक है।
पित्त दोष का प्राधान्य होने से अपने वैद्य की सलाह है पित्त शामक औषधि देना बहुत ही आवश्यक है। साथ में कुछ औषधि वनस्पतियों के काढ़े से गरारे करना या मुंह में रखना बहुत ही उपयुक्त होता है। गरारे करने के लिए कभी कभी सिद्ध तेल का गरारे करना भी उपयुक्त होता है। जिससे मुंह के छालो की सफाई होती है और इन दवाइयों से घाव भर जाते है। इन गांवों को भरने के लिए गाय का घी मुंह में लगा सकते हैं। इन आर्युवेदिक चिकित्सा से आपके मुंह के छाले बहुत जल्दी भर जाते हैं।
मुंह के छाले कैसे तुरंत ठीक करें
खाना धीरे धीरे चबाकर खाएं। खाते समय बात ना करें ताकि दांतों से मुंह के अंदर की परत को नुक़सान ना पहुंचे। निम्बू को आधा काटे इसे छाले पर लगाए । इससे थोड़ी जलन तो होंगी परंतु यह सुन्न हो जाएंगा जो अच्छा है। आखिर में थोड़ा शहद छाले पर लगाए। कुछ दिनों तक लगातार विटामिन सी और विटामिन बी12 की गोलियां खाएं । माउथवॉश का प्रयोग करें। कई बार कुल्ला करने से मुख में भरने वाले जीवाणु साफ करता है और इसके साथ साथ कई मामलों मे छाले के दर्द से राहत देता है। कोई नुस्खा घोल का उपयोग करें। कोई भी माउथवॉश इस प्रयोजन के लिए उपयुक्त है। सुबह और शाम कुल्ला करें और हो सके तो दिन के खाने के बाद भी कुल्ला करें।
मुंह के छालों का घरेलू उपाय
1. मसालेदार और खट्टे चीजों का सेवन ना करना - आपको मसालेदार , गर्म और जो भी खट्टा खाना सेवन नहीं करना है। ये छालों को बढ़ाते हैं।
2. अधिक पानी पीएं - ये एक सामान्य कारण होता है जिसकी तरफ हम ध्यान नहीं देते हैं। आपको sufficient पानी पीना है। पानी कम पीना भी मुंह के छाले होने का एक कारण हो सकता है।
3. गरारे करना - एक गिलास गुनगुने पानी मे नमक मिलाकर गरारे करना है। दिन में दो - चार बार गरारे करने से छालों में राहत मिलती है
4. मिठे सोडे का उपयोग - मुंह में एसिड की मात्रा बढ़ती है तो छाले होते हैं। मिटा सोडा एसिड को नंयुट्रलाइज करने का काम करता है। मिठे सोडे का उपयोग आप गरारे और पेस्ट दो तरह से कर सकते हैं।
> खाने का आधे गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच मिटा सोडा डाल दें और इस पानी से कुल्ला करें।
> थोड सा मिटा सोडा ले उसमें पानी मिलाकर पेस्ट जैसा कर लें और मुंह में जहां पर छाले हैं वहां पर लगाकर थोड़ी देर रहने दें। इससे छाले ठीक होते हैं।
5. बर्फ का प्रयोग - एक बर्फ का मुखड़ा ले और जहां पर भी छाले हैं वहां पर रखें । इससे जोलो में आराम मिलता है।
6. शहद - शहद में इन्फ्राइलेमेन्ट्री , एन्टीबैक्टीरियल गुण होते हैं । इसको दिन में तीन चार बार छालों पर लगाएं। इससे छालों को ठीक होने में मदद मिलती है।
7. नारियल तेल - नारियल तेल को भी दिन में तीन - चार बार छालों पर लगाएं।
8. ऐलोवेरा - ऐलोवेरा का जेल निकालकर छालो पर लगाने से छाले ठीक होते हैं।
9. हल्दी - हल्दी का उपयोग छालों मे कुल्ला करने और पेस्ट करके भी किया जाता है।
10. टोपीकल पेस्ट का उपयोग - अगर ज्यादा बर्नींग सेंसेशन है, दर्द ज्यादा हो रहा है , बात करने में समस्या आ रही है तो आप जौ मार्केट में टोपीकल पेस्ट उपलब्ध है उसका उपयोग कर सकते हैं। ये दर्द को थोड़ी देर के एनास्थाइज करते है ।
11. मुंह को अच्छी तरह से साफ करें - अगर आप मुंह अच्छे से साफ नहीं रखते हैं तो ये बार बार छाले होने का कारण हो सकता है, तो आपको मुंह को अच्छे से साफ रखना है। और ज्यादा हार्ड ब्रश को उपयोग नहीं करनि है।
12. नीला थोथा - नीले को थोथे को तवे पर भून लें । इससे इसका रंग बदल जाएगा। इसको चुटकी में लेकर छालों पर लगाएं। ध्यान रखें की आपको इसे निगलना नहीं है क्योंकि ये टोक्सिक होता है। इससे आपके छाले बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे।
मुंह के छालों को जल्दी कैसे ठीक करे
हमारे मुंह के अंदर जब छाले बनते हैं या किसी भी प्रकार का जख्म बन जाता है तो उससे होने वाले दिक्कतें हैं वो परेशान करने वाली होती है तो इससे हम हम कैसे बचे ।
सबसे पहली चीज कुछ आपके मुंह के अंदर छाले कितनी बार बनता है अर्थात ये महिने में एक बार बनता है या फिर हर दो तीन महीने में बनता है या फ्रिक्वेंटली बार बार होते रहता है। तौ इस बात को समझना है की आपके मुंह के अंदर छाले हैं वो किस प्रकार का है। इसके तीन रुप होते हैं। एक माइनर फार्म के छाले होते हैं , मेजर एप्थस छाले , हर्पेथिस छाले । इन तीनों के अलावा और एक तरिके का अल्सर होता है जो की वायरल इन्फेक्शन से होता है। अगर वायरल इन्फेक्शन से संबंधित छाले आपके मुंह के अंदर बनते है तो आपको थोड़ा सा फिवर महसूस होंगा।
अगर बुखार के साथ छाले होते हैं , आपके मुंह के अंदर फफोले बन जाते हैं और काफी पेनफुल और छालों के समुह के रुप में होते है । ये वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है और इसके लिए जो वायरस जिम्मेदार होता है उसे herpic symplex होता है। ये छाले होने पर एक बार डाॕक़्टर की सलाह जरूर लें। वो आपको एन्टीवायरल दवा और मेडिसीन देंगे और छाले ठीक हो जाएंगे। इस तरह आप उससे जल्दी छुटकारा पा सकते हैं और तीन दिन के भीतर आपको आराम लगने लगेगा।
कई बार छाले बनने का एक पोजीटिव फेक्टर होता है और ये पोजीटिव फेक्टर बेसिकली ओल्ड एज ग्रुप में होता है। क्योंकि ये ओल्ड एज के साथ दांत नुकिले हो जाते हैं और कइ बार शार्प एज हमारे जीभ को डिस्टर्ब करती है , हमारे गाल के अंदर के लेयर को डिस्टर्ब करती है , जिससे ये बार बार कटते हैं। जिसके कारण छाले बनते हैं। तो आपके इन कारणों को दुर करना होंगा।
मुंह के छाले कितने दिन में ठीक होते हैं
मेजर फार्म के छाले काफी बड़े साइज का होता है। ये काफी डीप होते है और इसमें हिलींग डीले होता है। इसे ठीक होने में 10 से 15 दिन का समय लग सकता है।
मुंह के छाले ठीक करने के लिए क्या खाना चाहिए
आप अपने खाने में फ्रुट और विजिटेबल शामिल करें। इसके लिए आपको लाइकोपीन रीच डाइट लेना है। आप अमरुद, तरबूज, पपाया, पत्ता गोभी, पके आम का उपयोग करें।
मुंह के छालों की सबसे अच्छी दवा कौन सी है
पहली मेडिसिन आती है सिरप के रुप में। छालों में आप कोई भी मल्टीविटामिन सिरप ले सकते हैं। दूसरी आती है बिकोस्युल्स कॕप्सुल्स , इसमें विटामिन बी काॕम्प्लेक्स और विटामिन सी होता है। ये विटामिन की कमी को पुलिस करती है।
अगली मेडिसिन जेल के रुप में होती है जिसे हम MUCOPAIN के नाम से जानते हैं। इसमें Benzocaine दवा होती है। ईसमे local anaesthetic दवा होती है। जो थोड़े समय के लिए relife देता है। यह 3 से 4 साल साल के बच्चों को युज नहीं करते हैं। क्योंकि इनमें इसका साईड इफेक्ट होता है। इस जेल को छालों पर लगाते हैं।
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निष्कर्ष
मैं आशा करता हूं कि मुंह के छाले कारण , प्रकार, लक्षण , घरेलू उपाय, ये आपके समझ में आ गया होगा और आपको इससे लाभ प्राप्त होगा। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।