मेडिटेशन क्या है
मेडिटेशन के कितने प्रकार होते हैं
मेडिटेशन कैसे करे
मेडिटेशन कब करना चाहिए
महत्वपूर्ण टिप्स - आराम से बैठकर 1 से 100 तक का काउंट करें और ये टीप्स दिन में 2 से 3 बाद करें।ऐसा करने से आपका ज्ञान एकाग्रचित्त होने लगेगा और आपके नेगेटिव विचार जो भी होंगे वे दुर होतै जाएंगे ध्यान करने से आपका फ़ोकस पुरी तरह से 1 से 100 तक का काउंट करेंने के बिच में फंसा रहेगा, और उसी से आपके दिमाग में जो नकारात्मक विचार आते हैं वो क्लियर होते जाएंगे और कुछ समय के बाद आपको ध्यान में 1 से100 तक का काउंट नहीं करना पड़ेगा।
हमे ध्यान क्यों करना चाहिए?
1. पहला कारण यह है कि उन्हें ऐसा करना चाहिए क्योंकि यह तनाव को प्रबंधित करने का सबसे प्रभावी तरीका है, और जब आपको तनाव होता है तो आप अच्छी नींद नहीं लेते हैं आप अपने रिश्तों में अच्छे नहीं हैं।
2.ध्यान से ही दिमाग को शांत कर सकते हैं। आपका रक्तचाप सामान्य हो जाता है। हमारी हृदय गति सामान्य हो जाती है आप मुझे छुटकारा दिलाते हैं, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली से समझौता हो जाता है।
3.कहां जाता है कि मनुष्य का मस्तिष्क अपना शक्तियों का भंडार है, और ध्यान के जरिए आप सोई हुई शक्तियों को बढ़ा सकते हैं।आप वो पावर महसुस कर सकते हैं जो सामान्य मनुष्य में होती।
4.ध्यान से आप तनावमुक्त जीवन जी सकते हैं। तनाव हमारी सभ्यता का नंबर एक महामारी है, इसलिए पहले कारण तनाव प्रबंधन और आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करेंगे, आप अपने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करेंगे, आप अपने भावनात्मक सुधार करेंगे, जहां यह मानवता में बेहतर होने जा रहा है। लेकिन एक बार जब आप यह सब कर लेते हैं तो इसका असली कारण यह है कि एक बार जब आप जानते हैं कि मुझे अब हमेशा के लिए तनाव नहीं है, इसलिए मुझे तनाव के लिए ध्यान करने की आवश्यकता नहीं है, हाँ तो यह क्या करता है यह आपके लिए द्वार खोलता है।
5. ईश्वर से जुड़े रहना। आत्मा अनंत संभावनाओं का क्षेत्र है यह आपकी आत्मा का द्वार खोलता है। इसलिए आप मृत्यु के भय को खो देते हैं यह रचनात्मकता का द्वार खोलता है। जिसे हम निर्माता भगवान कहते हैं क्योंकि हम सृजन के स्रोत से जुड़े हुए हैं और यह वास्तव में खुलता है जिसे प्लेटोनिक कहा जाता है।
6.अगर आप अपने जीवन को पुरी तरह जीना चाहते हैं तो ध्यान जरूर करें। गुण या दैवीय सत्य या वृत्ति दया प्रेम करुणा आनंद समभाव गहन शांति आध्यात्मिक परंपराओं में वे शांति कहते हैं, जो सभी समझ से गुजरती है। इसलिए आप भौतिक से मानसिक तक शुरू करें और फिर द्वार खोलें क्योंकि आपने वर्षों तक ध्यान किया है आप पूरी दुनिया में हैं और आप भी मेरा मतलब है कि ध्यान का ध्यान रखें अपने आप को आपकी शारीरिक भलाई का ध्यान रखने के लिए आपको बहुत कम चीजें करने की आवश्यकता है।
7.नींद अच्छी आती है। अच्छी नींद वास्तव में महत्वपूर्ण है क्योंकि अब हम जानते हैं कि नींद तब होती है जब हमारी आत्मा वास्तव में हमारे शरीर को तरोताजा करती है । व्यायाम भले ही यह आधे घंटे का तेज चलने वाला भोजन हो, जिसे वे फाइटोकेमिकल्स कहते हैं, फाइटोकेमिकल्स सूर्य की ऊर्जा से रसायन होते हैं।
मेडिटेशन करने के फायदे
वैसे तो मेडिटेशन करने के अनगिनत फायदे है। इससे मानसिक रूप से लाभ होने के साथ शारीरिक रूप से भी बहुत ज्यादा फायदा होता है। मेडिटेशन से होने वाले प्रमुख लाभ
1. यह आपके दिमाग को शांत करता है। ये आपके सोचने की शक्ति को दो गुना बढ़ा देता है। मानसिक एकाग्रता को बढ़ा देता है।
2. मेडिटेशन इंसान को मानसिक और शारीरिक रूप से विकसित करता है। आपके गुस्सैल व्यवहार को शांत करता है।
3.यह आपके सिर में दर्द, निंद ना आना और मानसिक स्थिति में राहत पहुंचाता है।
4. मेडिटेशन से आपके अन्दर उर्जा का संचार होता है। मेडिटेशन से जीवन में हर पल आनन्द का अनुभव किया जा सकता है।
5. मेडिटेशन से आप अपने दिमाग और इच्छाओं पर नियंत्रण रख सकते हैं।
6. मेडिटेशन से आपके व्यक्तित्व का विकास होता है। आपके अन्दर खुशी पैदा होती है।
7. मेडिटेशन करने से आपके अन्दर धैर्य रखने की क्षमता का विकास होता है। आपके अन्दर आत्मविश्वास बढ़ जाता है। और मेडिटेशन से आपको शारीरिक स्वास्थ्य में लाभ मिलता है।
मेडिटेशन के नुक़सान
1. अगर आप जबर्दस्ती मेडिटेशन करते हैं तो आपका सिरदर्द जरूर शूरु हो जाएगा। और कुछ ही दिनों में आपके दिमाग में ऐसी आवाजें या ऐसी चिजे दिखने लगेगी जो natural नही है।
2. अगर आप सही तरिके से मेडिटेशन नहीं करते हैं तो आपका रक्तचाप और कमर दर्द बढ़ सकते है।
3. आपके विचारों में एक अलग प्रकार की शक्ति आ जाती है। वह साधारण विचार नहीं होते जो साधारण मनुष्य सोचते हैं। आपके विचार साधारण लोगों से अलग होते हैं।अब सोचो आप गहरा ध्यान करने लगे हैं और आपको शक्ति प्राप्त होने लगी है। लेकिन आपका नियंत्रण आपके विचारों पर नहीं है तो ऐसे में आपके अन्दर भी नेगेटिव विचार भी आ सकते हैं। और जाने अंजाने आपकी एकाग्रता भी सधी हो सकती है।तो आपके नकारात्मक विचार भी अस्तित्व में आने लग जाएंगे। यानी वह सच होने लगेंगे।
हो सकता है आप अपने आस पास कोई दुखद घटना देखें और उस दुखद घटना आप आप शामिल हो जाए । आपके मन में ये विचार आ सकता है कि ये घटना मेरे साथ ना हो जाए, मेरे अपनो के साथ ना हो जाए। तो ये विचार भी सत्य हो सकते हैं।
इसलिए ध्यान की एकाग्रता में उतरने से पहले साधक को शुभ विचारों से भर जाना चाहिए। क्योंकि ध्यान की एकाग्रता के बाद तुम्हारे अन्दर अशुभ विचार भर जाते हैं तो उनके परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। और यही ध्यान आपके लिए नुकसानदायक हो जाता है।
निष्कर्ष
कई आध्यात्मिक गुरुओं का मानना है किसी मेडिटेशन मनुष्य के लिए एक वरदान है और मेडिटेशन और ध्यान करने से बहुत सारे लोगो ने ये माना है कि उनके जिंदगी में बदलाव आए हैं। तो दोस्तो ये थी मेडिटेशन के बारे कुछ जानकारी। आपके में post अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे