आज लगभग संपूर्ण विश्व में योग का महत्त्व बढ़ते जा रहा है। लोग इसे समझ रहे हैं और अपना रहे हैं। इसलिए हम योग क्या है, इसके प्रकार, महत्व और लाभ के बारे में जानेंगे।
योग क्या है
योग एक ऐसी क्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने आपको शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, नैतिक, बौद्धिक आदि दृष्टि से संतुलित बनाए रखता है।योग एक ऐसा साधन या माध्यम है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने मन, शरीर, शक्ति और भावनाओं, वृत्तियों का तालमेल करता है। योग से शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक शक्ति का विकास होता है।
योग का अर्थ
योग का शाब्दिक अर्थ है जुड़ना, एकत्र करना या बांधना। योग एक दर्शन है जो व्यक्ति को जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने का रास्ता दिखाता है। योग के आठ अंग ( यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि ) इन क्रियाओ को अपनाकर व्यक्ति आत्मा साक्षात्कार करता है, स्थिर होता है और मोक्ष को प्राप्त होता है। इसी का नाम योग है।
योग की परीभाषाए
महर्षि पतंजलि के अनुसार ' योगच्श्रितः वृद्धि निरोध, अर्थात अभ्यास - वैराग्य द्वारा चित्तं की वृत्तियों को रोकना ही योग है।
महर्षि वेदव्यास के अनुसार योग का अर्थ समाधी है। साधु एक ऐसी अवस्था है जिसमें आत्मा और परमात्मा का मिलन ह है।
भागवत गीता के अनुसार - योग कर्मस्य कौशलम् अर्थात कर्म को करने में जो कुशलता है उसी का नाम योग है।
योग के अंग
योग के प्रकार
योग के प्रमुख प्रकार इस प्रकार है -
राजयोग
भक्तीयोग
हठयोग
मंत्र योग
कर्मयोग
नांद योग
ज्ञानयोग
कुण्डलिनी योग
यंत्र योग
तंत्र योग
योग का उद्देश्य क्या है
मानसिक शांति का विकास करना। रचनात्मकता का विकास करना। तनाव से मुक्ति पाना। प्रकृति विरोधी जीवन शैली में सुधार। वृहत दृष्टिकोण का विकास करना। मानसिक शांति प्राप्त करना।उत्तम शारीरिक क्षमता का विकास करना। शारीरिक रोगों से मुक्ति पाना। मदिरापान तथा मादक द्रव्य व्यसन से मुक्ति पाना। मनुष्य का दिव्य रुपांतरण।
योग का महत्त्व
योग कोई धर्म नहीं है, यह जिने का एक तरीका है जिसका लक्ष्य 'स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग ' है। मनुष्य एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्राणी हैं, योग तीनों को बढ़ावा देने में मदद करता है। अन्य प्रकार के शारीरिक व्यायाम, जैसे एरोबिक्स, केवल शारीरिक कल्याण का आश्वासन देते हैं। उनका आध्यात्मिक या सुक्ष्म शरीर के विकास से बहुत कम लेना देना है। योगिक व्यायाम शरीर को ब्रम्हांडीय ऊं से रिचार्ज करते हैं और सुविधा प्रदान करते हैं । पुर्ण संतुलन और सामंजस्य की प्राप्ति स्व - उपचार को बढ़ावा देता है। मन से नकारात्मक बातें और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है। व्यक्तिगत शक्ति को बढ़ाता है। आत्म - जागरुकता बढ़ाता है। बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण ध्यान, ध्यान और एकू में मदद करता है।
योग के लाभ
1.योग मन को अनुशासित करता है। जब व्यक्ति योग को अपनाता है तो उसका मन सुशासित हो जाता है।
2. योग से शरीर निरोगी बनाता है
3. निरंतर योग करने से हम बिमारियों से दुर रहते हैं।
4. योग मोक्ष प्राप्ती का साधन है।
5. योग एकाग्रता बढ़ाता है।
6. योग के द्वारा आंतरिक शक्ति का विकास होता है।
7. योग ज्ञानेन्द्रियो और कर्मेंद्रियो को जागृत करता है।
8. योग जीवन को समग्रता प्रदान करता है।
9. योग शरीर की क्रिया प्रणाली को नियंत्रित एवं संतुलित करता है।
10. सभी शारीरिक खंड भागो का एवं गतियों का सुसंगत, व्यवस्थित तथा सर्वांगीण विकास करता है।
11. योग शरीर में उत्पन्न विकृति को सुधार करता है।
12. योग से पाचनशक्ति बढ़ती है।
13. कब्ज़ दूर होता है
14. मोटापा दूर होता है।
15. योग के फलस्वरूप शरीर सुडौल बनता है।
16. मांसपेशियों में शक्ति आती है।
17. भुख बढ़ती है।
18. स्मरण शक्ति बढ़ती है।
19. ध्यान एकाग्रचित्त करने की शक्ति बढ़ती है।
20. नियमित योग करते रहने से शरीर का सर्वांगीण विकास होता है।
निष्कर्ष
मैं आशा करता हूं कि योग क्या है, ये आपको मालूम हो गया होगा और आप इससे लाभ उठा पाएंगे। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।