मनुष्य के भीतर एक रहस्यमयी शक्ति निवास करती है, जो गहरे आवरण में छिपी हुई है। जो सर्पिणी की तरह मुलाधार चक्र में गोल घुम रही है। मनुष्य ने सहस्त्रों वर्षों के अनुसंधान से अपने भीतर की इस शक्ति को ढुंढ निकाला। यह शक्ति मानव के भीतर मुलाधार चक्र से लेकर मस्तिष्क तक प्रकाशित होती रहती है, और यह शक्ति ब्रम्हांड से जुड़ी है। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड एक चक्र से जुड़ा है जिसे सहस्त्रार चक्र कहा जाता है। हमारे शरीर में सप्त प्रकार के सप्त चक्र है। एक एक में सहस्त्रों प्रकार की शक्तियां, अनेकों प्रकार की शक्तियां और अनेको प्रकार के अनुभव छिपे हैं।
मुलाधार चक्र क्या है
मुलाधार हमारे शरीर में 7 चक्रों के श्रेणी श्रृंखला में सबसे पहला चक्र है। इस चक्र को शरीर के पुरे चक्रों का आधार माना जाता है। इसलिए इसे मुलाधार कहा जाता है। ये बहुत ही महत्वपूर्ण चक्र है। अगर ये चक्र संतुलित है तभी उपर के चक्र भी संतुलित होंगे। ये चक्र हमारे गुदा और जननेन्द्रिय के बिच में जिसे अंग्रेजी में pelvic floor भी कहते हैं, हिन्दी में जिसे सिवन कहते हैं, वहां पर हमारे tailbone के पास ये चक्र स्थित है। ये चक्र इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी स्थान पर हमारी कुंडलिनी शक्ति सोई हुई रहती है और जाग जाने पर कुंडलिनी शक्ति उपर की ओर उठते हुए रिढ की हड्डी में सुषुम्ना नाड़ी मार्ग व्दारा सहस्त्रार चक्र तक पहुचती है।
इसलिए मुलाधार चक्र के जागरण के जागरण को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस चक्र का रंग लाल है और इसका तत्व पृथ्वी है और ब्रह्मा जी इसके देवता हैं और इसकी शक्ति डाकीनी है। इस चक्र के अधिपति गणेश जी है और इसका बिजवर्ण स्वर्णिम है। शनी इसका ग्रह है और लं इसका बिज मंत्र है, इसकी चार पंखुड़ियां है। इसका संबंध भुलोक से है। पंचमहाभूतों में ये पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इसका जो गुण है वो गंध है। इसकी कर्मेंद्रियां और ज्ञानेंद्रीया नाक है। इसके तत्वबिज का वाहन ऐरावत है।
मुलाक़ात चक्र जागृती के लक्षण
1.जब मुलाक़ात चक्र में उर्जा को वृद्धि होती है तो अती कामुकता और क्रोध की भावना घेरने लग जाती है।
2.जब आपका मुलाक़ात चक्र जागृत होता है तो आपके सिर में विद्युत प्रभाव के झटके लग सकते हैं।
3. रिंग की हड्डी में कुछ रेंगता सा अनुभव हो सकता है। सारे शरीर में झनझनाहट हो सकती है। चिंटीयो के चलने जैसी अनुभूति हो सकती है।
4. सोते सोते या ध्यान के दौरान अचानक से शरीर इतना हल्का हो सकता है कि आपको लगेगा की आप हवा में उड़ रहे हैं या शरीर से बाहर निकल गए हैं।
5. हर समय एक उन्माद , खुमारी और नशे की स्थिति आपको प्रतीत होंगी।
6. कई बार आपको अपने मित्रों और रीस्तेदारो के छीपे भाव नजर आने लगेंगे जिससे आपको मोहभंग और वैराग्य की भावना आने लगेंगी।
7. आपका हृदय निर्मल, कोमल और प्रेमपुर्ण होने लगेगा और आप मौन, गंभीर और एकांकी होने लगेंगे।
मुलाधात चक्र कैसे जागृत करें
तिन ध्यान की पद्धतियां जिनके व्दारा आप अपने मुलाधार चक्र को जागृत कर सकते हैं। इन विधियों का आप कम से कम 3 महीने तक ध्यान करें।
1. मंत्र के व्दारा ध्यान - मुलाधार चक्र के देवता गणेश है। अतः इस चक्र पर ध्यान लगाते हुए अपने मुलाधार चक्र को मानसिक नेत्रो से अनुभव करें। इस स्थान पर लाल रंग की कल्पना करते हुए अपने गणेश जी का ध्यान करते हुए " ॐ ब्रं गणपते नमः " मंत्र का उच्चारण करना है। जब आप इस मंत्र का उच्चारण करें तो आपका ध्यान मंत्र पर, भगवान गणेश पर और अपने मुलाधार चक्र पर लाल रंग की कल्पना करते हुए करें ।
2. श्वास व्दारा ध्यान - हमारे मुलाक़ात चक्र का जो बिज मंत्र लं है। इस मंत्र के साथ अपना मानसिक जाप करने के लिए सबसे पहले आपको ध्यान मुद्रा में बैठकर नेत्रों को बंद करके कमल को सीधा रखते हुए, गर्दन को सीधा रखते हुए आप अपना पुरा ध्यान अपने श्वास पर ले आएं। और जब आपकी श्वास अंदर जाए तो आपने मन ही मन ॐ का उच्चारण करना है और जब आपकी श्वास बाहर आए तो आप मन ही मन लं बिज मंत्र का उच्चारण करें।
3. आप ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। कमर सीधी, गर्दन सीधी, दोनों हाथ घुटनों पर, हाथो में आप ज्ञान मुद्रा भी बना के रख सकते हैं। अपना ध्यान मुलाधार के स्थान पर लगाकर रखें। और जब आप अपना ध्यान मुलाधार के स्थान पर केन्द्रित करेंगे तब पुरा ध्यान आप उस चक्र पर करेंगे। तब आप अपने मन में पंखुड़ियो वाले लाल रंग के कमल की कल्पना करेंगे जिसकी पंखुड़ियां बंद है। मानसिक नेत्रोसे आप ऐसे सुंदर लाल कमल के फुल को आप कल्पना करें।
मुलाधार जागृति के लाभ
यह चक्र कोटी सुर्य के प्रकाश देने वाला चक्र होता है। यह चक्र रोग मुक्त, भयमुक्त कर देता है। आध्यात्मिक ज्ञान में वृद्धि करता है। शारीरिक सुदृढता प्रदान करता है। कामवासना को संतुलित करता है। मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। आत्मविश्वास को बंढाता है। भावनाओं पर नियंत्रण करता है। और इंन्द्रियो के भौतिक सुख प्रदान करने वाला है। व्यक्तित्व विकास प्रदान करता है।
निष्कर्ष
मै आशा करता हूं कि मुलाधार चक्र क्या है ये आपके समझ में आ गया होगा। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।