प्रतिदिन ध्यान करने से आपक शरीर को और आपके मन को उर्जा मिलती है और आपके जीवन में स्थिरता आती है। आप प्रतिदिन दिन में एक बार जरूर ध्यान करें। आप दिन में दो बार भी ध्यान कर सकते हैं। एक सुबह और एक शाम के समय। ये दो समय है जब आपके जीवन में सकारात्मकता अधिक आती है और नकारात्मकता आपको छोड़ जाती है।
शुरुआती के लिए आसान ध्यान तकनीक
1. आप किसी शांत जगह का चुनाव करें। जहां पर आपको कोई डीस्ट्रक्ट ना करें।
2. आपका मोबाइल या घर में जितने भी इक्विपमेंट है उन्हें बंद करले।
3. आप आराम से बैठे जाए। रीढ को सिधा रखकर अपने शरीर को रिलैक्स करें।आप चाहें तो पालथी मारकर बैठ सकते हो जमीन पर, चौकी पर पलंग पर या फिर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो आप खुर्ची पर बैठ सकते हैं। अपने हाथ को ज्ञान मुद्रा में या गोद में रख सकते हैं।
4. इसके बाद आराम से अपनी आंखों को बंद करें। जैसे एक आप अपने आंखों को बन्द करेंगे आपके मन में विचारों एक घुड दौड चालु हो जाएंगी। उसके बाद आपको तिन गहरी सांस लेनी है। ये गहरी सांसें आपके मांसपेशियों को रिलैक्स करेंगी। आपके ब्रेन को हल्का करेंगी। और आप थोड़ा अच्छा महसूस करेंगे। आपकी फोकस थोड़ी अच्छी होंगी।
5.आप अपने हाथ नमस्कार कुछ स्थिति में लाने। और ध्यान करने से पहले ईश्वर का धन्यवाद करे इस जीवन के लिए और जो सांसें आपमें बह रही है।
6. अब धीरे से अपने हाथ अपने घुटनों पर रखें। अगर आप जीवन से कुछ पाना चाहते हैं तो अपने हाथ खुले रखे। और अपने जीवन में स्थिरता चाहतों है तो हाथ नीचे की ओर रखें।
7. अपने सांसों की ओर ध्यान केंद्रित करें। अब आप तिन बार गहरी सांस लें। एक क्षण के लिए सांस अन्दर पकड के मुंह से पुरी सांस छोड़ दें। ऐसा तिन बार करें।
8. अब आप अपना मुंह बंद करें। केवल नाक से ही सांस लेंगे और सांस छोड़ेंगे। धीरे धीरे हर एक साल बाहर छोड़ते समय एक माथे को रिलैक्स करते जाओगे।
9.अब अपने पैरों को रिलैक्स करें।
10. अब धीरे धीरे सांसों को अपने लक्ष्य से आगे बढ़ने दें। सांस अन्दर ले और सांस बाहर छोड़ें। धीरे धीरे अपने सांसों पर ध्यान दें।
11. अब धीरे से आप क्रिया करने ना बनके सांसों पर सिर्फ ध्यान देनेवाले बनते जाइए।
12. अब धीरे से जहां तक हो सके बिना किसी प्रयास के एकदम हल्का सा काॕन्संट्रेट दोनों आंखों के बिच में करें।
13. अब आपको अधिक से अधिक नेचुरल रिदम पॕटर्न में आना है। सांस अन्दर, सांस बाहर, सांस अन्दर, सांस बाहर।
हो सकता है आपको अनेक विचार आए। अब आप कुछ इस तरह है जैसे मेडिटेशन की इस नाव में बैठकें खिंचाव की इस नदी में बहते जिस रहे हैं। कोई विचार अगर आ रहा है तो आने दो। और पिछे छुटके जा रहे हैं तो जाने दो। सांस अन्दर ले और बाहर छोड़ें।
14. अगर आपको कुछ विजुअलाइज करना है तो विचार करै की पाॕजीटिव लाईट आपके आंखों के बिच में से आपके अन्दर आ रही है और उससे सारे नेगेटिव विचार आपको छोडे जा रहे हैं। सांसों पर ध्यान देने का दौर चलता रहे।
अब धीरे धीरे आपको स्टेप बाई स्टेप मेडिटेशन से बाहर आना है।
15. धीरे से अपने हाथ नमस्कार के स्थिति में लाए। धीरे से अपने हाथ एक के उपर मले। और हाथो को अपने आंखों पर लगा लें। और धीरे धीरे अपनी आंखें खोले। आपके आसपास जो भी सुंदर है उसका अनुभव करें।
निष्कर्ष
मेडिटेशन का अर्थ है की दृष्टा भाव। हम सारे प्रयास जब छोड़ देते हैं । जब कुछ नहीं करते हैं तो वो ध्यान है। मुझे आशा की है शुरुआती के लिए सरल ध्यान तकनीक आपको समझ में आ गई होंगी। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे।
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