रामनवमी कब मनाया जाता है
रामनवमी का त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। रामनवमी का त्योहार भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीराम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रीराम को जन्म त्रेतायुग मे हुआ था। जिसका वर्णन आदि काव्य में वाल्मीकि रामायण में में भी उपलब्ध है।
रामायण बालकाण्ड सर्ग 18 के श्लोक 8 से 10 में कहा गया है कि यज्ञ समाप्ति के पश्चात जब 6 ऋतुएं बात गई तब 12 वे मास में चैत्र के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि में पुनर्वसु नक्षत्र में एवं कर्क लग्न में कौशल्या देवी ने दिव्य लक्षणों से युक्त सर्वलोक वंदनीय जगदेश्वर श्रीराम जी को जन्म दिया। उस समय पांच ग्रह अपने उच्च स्थान में तथा लग्न में चन्द्रमा के साथ बृहस्पति भी विराजमान थे।
रामनवमी कैसे मनाई जाती है
नवमी तिथि के दिन सुबह सुर्योदय से पहले स्नान आदि करके पुजा स्थल पर प्रभु श्रीराम की मुर्ति या तस्वीर रखें। अब रामनवमी व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान श्रीराम का अक्षत, रोली, चंदन, धुप , गंध आदि से पुजन करें। इसके बाद उनको तुलसी का पत्ता और कमल का फुल अर्पित करें। फल और मिठाई का भोग लगाएं। आरती करें और सभी लोगों को प्रसाद का वितरण करें। आप चाहें तो इस दिन रामायण का पाठ और रामरक्षा श्लोक का भी पाठ करा सकते हैं।
प्रायः कुछ लोग पुजा व्रत , हवन दान आदि करते हैं। इससे भी श्रेष्ठ कुछ लोग रामचरित मानस का गान करते हैं एवं सबसे श्रेष्ठ कुछ लोग इस दिन भजन कीर्तन करते हैं।
रामनवमी क्यों मनाइ जाती है
सनातन धर्म में प्रायः यही देखा गया है कि केवल भगवान एक एवं उनके जनों यानी सिद्ध - संतों का जन्म दिवस मानाया जाता है । ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम संसार में किसके जन्म उत्सव पर जाते हैं तो उससे पहले यह सोचते हैं किसके जन्म उत्सव पर जा रहे हैं। वह हमारा क्या लगता है , वो कौन है, उनका हमारे जीवन में कुछ महत्व है कि नहीं। यह सब हम सोचते हैं फिर जाते हैं एवं जन्म दिन मनाते हैं।
इसी प्रकार भगवान का जन्म दिन हम क्यों मनाएं , वो हमारे क्या लगते हैं ,वो कौन है , उनका हमारे जीवन में क्या महत्व है, यह सब कुछ हम लोगों को सदा ज्ञात हो और हमारी पिढीओ को भी ज्ञात रहे। इसलिए भगवान का जन्म उत्सव मनाने की परंपरा हमारे यहां है। अंत एवं हमें श्रीराम जी का जन्म दिवस मनाना चाहिए।
रामनवमी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। भगवान श्रीराम विष्णु के सातवे अवतार के रूप में अयोध्या में त्रेतायुग युग में अवतरित हुए थे। भगवान श्रीराम का जन्म पृथ्वी पर से अत्याचार खत्म कर धर्म का स्थापना के लिए हुआ था। इसलिए भगवान श्रीराम के जन्म को रामनवमी के रुप में मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास की नवमी तिथि के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में हुआ था।
राम नाम की महिमा भगवान श्रीराम से भी खास है। हिन्दू धर्म के बहुत से लोग आज भी एक दूसरे से मिलने पर राम राम कहते हैं या फिर कोई विपत्ति आने पर हे राम ही बोलते हैं। शास्त्रों के अनुसार खुद भगवान शिव राम नाम का जप करते हैं। ऐसी मान्यता है कि राम नाम का जप करने से इंसान की सारी विपत्तिया खत्म हो जाती है और कोई मनुष्य अपने अंतिम समय में राम का नाम लेता है तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है।
रामनवमी 2023 में कब है, पुजा व शुभ मुहूर्त
2023 में रामनवमी 30 मार्च गूरुवार को है।
नवमी तिथि प्रारम्भ होगी 29 मार्च 2023 को रात को 9 बजकर 7 पर और यह नवमी तिथि 30 मार्च को रात को 11 बजकर 30 मिनिट पर समाप्त हो जाएगी।
पुजा का शुभ समय प्रात 11 बजकर 11 मिनिट से लगाकर के दोपहर को 1 बजकर 39 मिनिट तक।
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रामनवमी का इतिहास
रामनवमी का त्योहार पिछले कई हजार सालो से मनाया जा रहा है। रामनवमी का त्योहार भगवान विष्णु के सातवे अवतार भगवान श्रीराम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थीं। लेकिन बहुत समय तक कोई भी रानी राजा दशरथ को संतान का सुख नहीं दे पाई थी , जिससे राजा दशरथ बहुत परेशान रहते थे। पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ को ऋषि वशिष्ठ ने पुत्र कामेष्टि यज्ञ कराने का विचार दिया।
इसके पश्चात राजा दशरथ ने महर्षि ऋष्य क्षृंग से यज्ञ कराया । यज्ञ समाप्ति के बाद महर्षि ने दशरथ की तीनों पत्नियो को एक एक कटोरी खीर खाने को दी। खीर खाने के कुछ महीनो बाद ही तीनों रानिया गर्भवती हुई। ठीक नौ महीनों बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने रामजी को जो भगवान विष्णु के सातवे अवतार थे , कैकै ने भरत को और सुमित्रा ने जुड़वां बच्चों लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।
भगवान श्रीराम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणीयो को खत्म करने के लिए हुआ था।
निष्कर्ष
मैं आशा करता हूं कि रामनवमी कब , क्यो और कैसे मनाई जाती है, इसके बारे में आपको जानकारी मिल गई होंगी। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।